लगातार हो रही बेज़ुबान जानवरो की तस्करी या सड़क दुर्घटना में मौत किसके पास लगाए पहरियाद पता नहीं

राज्य शासन की महत्वपूर्ण योजना नरवा घूरवा बाड़ी का खुल रहा पोल चौपट करने में जूटे है जिम्मेदार अधिकारी

अनुमानित जिले में प्रतिदिन लगभग दो से तीन बेज़ुबान जानवरो की दुर्घटना से होती है मौत

आखिर किस गुनाह की सजा मिल रही बेजुबान मवेशिओ को

अशोक सारथी, आपकी आवाज न्यूज धौंराभांठा:- जिले के अन्य विकास खंड से बेज़ुबान जानवरो की दुर्घटना में मौत या फिर तस्करी का मामला आता ही रहता है जिसमे सबसे ज्यादा लैलूंगा का रहता है जिसमे कही कही पुलिस कुछ हद तक लगाम लगाने में सफल हुई है लेकिन सफेद पोश लोगो के वजह से तस्करी का मामला पुल फल रहा है जिले के विकासखंड मुख्यालय तमनार की बात करे जहा सड़को में आये दिन बड़े वाहन की ठोकर से गौवंश गंभीर रूप से घायल हो रहे है और ठोकर लगने के बाद इन मवेशियों के शरीर का अंग भंग हो रहा है या फिर मौत हो रही है गौवंशो की स्थिति दयनीय बनी हुई है कोई सुध लेने वाला नहीं है ये गौवंश अपनी हालत पे आँशु बहा रहा है और तडप तडप कर मरने के अलावा इनके पास कोई और उम्मीद नहीं बची है कुछ उम्मीद गांव के उन गौसेवक से ही है जो अपना ग्रुप बनाकर इनकी सेवा इलाज इनका खाने का व्यवस्था करते है लेकिन पर्याप्त इलाज की सुविधा जगह और उपकरण नहीं होने के कारण ये गौपलक भी कभी कभी उम्मीद छोड़ देते है यहां तक की एक बैल की दयनीय स्थिति को देखते हुए शोशल मिडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री महोदय से इस बैल को इच्छा मृत्यु देने की भी मांग जोरो से उठ रही है पर पता नहीं इनकी पीड़ा कम कौन करेगा गौ सेवको की एक ही मांग है की यह सुनिश्चित की जाये की भविष्य में ऐसी कोई दुर्घटना ना हो और अनजाने में कोई दुर्घटना हो भी जाती हो तो इनका पर्याप्त उपचार की योजना बने ।

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